दक्षिण व पश्चिम के मध्य कोण को नेऋत्य कोण कहते है।
2.
7. नैऋत्यः-दक्षिण व पश्चिम के मध्य कोण को नेऋत्य कोण कहते है।
3.
7. नैऋत्यः-दक्षिण व पश्चिम के मध्य कोण को नेऋत्य कोण कहते है।
4.
यदि आग्नेय ब्लॉक की पूर्वी दिशा मे सड़क सीधे उत्तर की ओर न बढ़कर घर के पास ही समाप्त हो जाए तो वह घर पराधीन हो जाएगा।7. नैऋत्यः-दक्षिण व पश्चिम के मध्य कोण को नेऋत्य कोण कहते है।
5.
इस त्रिकोण का मध्य कोण ” शिवपुत्र ” सीधे उर्जा शक्ति के माध्यम से एक ओर केदार नाथ ओर विपरीत दिशा में, कामख्या के संग युक्त रहने के कारण इस ब्रह्माण्ड में उपस्थित किसी भी प्राणी के संग योग शुत्र की रचना कर सकते है एवं उससे वार्ता भी कर सकते है क्योकि ” शिवपुत्र ” वास्तव में अपने अभ्यंतर में पूर्ण जाग्रत ” अर्धनारीश्वर ” शरीर के रूप में {जिसके मध्य पिता केदार नाथ और माता कामख्या एकाकार होकर रहते है.